Chanting Hare Krishna is composed of selections from Srila Prabhupada’s books, lectures, conversations, and letters.
This collection of teachings offers practical guidance on chanting Hare Krishna, from the most basic understanding and progressing through kirtan, japa, initiation, sankirtana, and ultimately to the perfection of chanting – ecstatic love of God.
The compiler’s goal was to provide a condensed collection of Prabhupada’s teachings that will encourage the newcomer to take up chanting, the serious chanter to understand the significance of initiation and the ten offenses, and the newly initiated to practice more strictly, seriously, and sincerely.
Chanting Hare Krishna – Hindi
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हरे कृष्ण महामंत्र का कीर्तन हमें असीम लाभ प्रदान करता है। यह कीर्तन मन को शान्त करता है, विचारों को स्पष्ट करता है, असीम सुख एवं मंगल प्रदान करता है, चेतना को शुद्ध बनाता है और अन्ततः हमें कृष्णभक्ति का सर्वोच्च फल भगवद्प्रेम प्रदान करता है।
मन द्वारा नियंत्रित होने के स्थान पर हमें मन को नियंत्रित करना चाहिए। मंत्र एक संस्कृत शब्द है। इसका अर्थ है “मन को तारने (उद्धार करने वाला “। हरे कृष्ण महामंत्र का कीर्तन हमें निरर्थक प्रयासों में रत सांसारिक जीवन से ऊपर उठने तथा दिव्य चेतना को अनुभव करने का विशेष अवसर प्रदान करता है। हरे कृष्ण मंत्र पर ध्यान केन्द्रित करते ही हम स्फूर्ति, विश्वास तथा आनन्द से भर उठते हैं। चिन्ताएँ, तनाव तथा अनावश्यक विषाद दूर हो जाते हैं। शान्त मन ही सुखी एवं उत्साहपूर्ण जीवन का आधार है।
हरे कृष्ण मंत्र हमारे अन्तःकरण की खोज में सहायता करता है और हमारे हृदय में विराजमान ज्ञान एवं शक्ति के परम स्रोत की अनुभूति कराता है। इस महामंत्र का कीर्तन इन्द्रियों, मन तथा बुद्धि से परे तथा कर्मबन्धनों एवं तीन गुणों से मुक्त हमारे सच्चे आध्यात्मिक अस्तित्त्व के अनुभव का मार्ग प्रशस्त करता है।
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Description
Additional information
Weight | 0.2 kg |
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Dimensions | 18.5 × 12.5 × 1 cm |
Author | HDG A.C Bhaktivedanta Swami Prabhupada |
Binding | Paperback |
Country Of Origin | INDIA |
Language | Hindi |
Publisher | Bhaktivedanta Book Trust (BBT) |
No. of Pages | 227 |
Publication Year | 1977 |
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